दीया जलेगा

Photo by George Becker on Pexels.com

धूप का धीरे-धीरे कम होना,

उजाले का क्रमश: मध्यम होना,

गहराता मन का कोना-कोना;

थकी नसों में शीतलता जगती,

शामें हैं इतनी अच्छी लगती,

इसलिये कि तय है दीया जलेगा,

एक और उजाला साथ चलेगा ।

.

अंतरिक्ष के तारों-से झिलमिल,

माया रचे दीप अंधकार से मिल,

भयभीत नहीं, पलकें हों स्वप्निल;

स्वागत बाँह पसारे रात का,

निमंत्रण स्वीकार इस अज्ञात का,

इसलिये कि तय है दीया जलेगा,

अंधकार अब नहीं छलेगा ।

.

जो बाधाओं से जूझ प्राप्त हो,

साध चित्त के भय को, भ्रांति को,

जन्म देता उस चिर सामर्थ्य को;

प्रगट जिससे अंधकार में आशा,

विश्वास जीवन में हर पल बढता-सा, 

जब भी हमने कोई दीया बनाया,

जीवन को सत् की ओर बढाया ।

.

निविड़तम निशि में भी विश्वास पलेगा,

जो हमने बनाया वह दीया जलेगा ।

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