यात्रा

Photo by Joshua Welch on Pexels.com

कोई भी यात्रा रहती अधूरी,

जब तक न कर ले पूरी,

अपने केन्द्र बिंदु के अंदर की,

और अपनी परिधि के बाहर की यात्रा,

जैसे अधूरे रहते हैं शब्द संयोजन के बिना,

और प्रयास किसी प्रयोजन के बिना।

.

अपनी परिधि पर आवर्तों में घूमना,

निश्चय ही अनिवार्य अंग है जीवन का,

पर धरातल से ऊपर उठने के संदर्भ में,

इसका कुछ अर्थ नहीं होता,

हर गति जो आवश्यक है,

उत्कर्ष में समर्थ नहीं होता।

.

जब तक पूर्वाग्रह से मुक्त मन में,

भव भय से हीन, उन्मुक्त क्षण में,

हृदय के किसी आंतरिक विन्यास से,

विवेक से अर्जित किसी बल के प्रयास से,

एक वांछित आवेग नहीं हो प्रयुक्त,

यद्यपि मुक्त,

गति नहीं जाती केंद्र बिंदु की ओर,

व्यक्ति रहता है यथास्थिति में ओतप्रोत,

सहज गति से विभोर।

.

और जब तक स्वप्नों का कोई अज्ञात संसार,

नहीं करता झंकृत मन के द्वार,

अभिनव की जिज्ञासा नहीं करती उद्विग्न,

आकांक्षाओं का संवेग नहीं ले जाता निर्विघ्न,

पार,

आंतरिक मोह के पाश के, संशय के,

परिवर्तन के विरुद्ध उठते हठ और भय के,

तो सहज वेग परिधि से,

बाहर कभी ले जा नहीं सकता,

हाँ, लीक पर चलने के आवर्तों को,

यात्रा भले रहे कोई कहता।

.

परिधि के बाहर की यात्रा,

हमारे अंदर बैठे चिर हठी बालक की जिज्ञासा,

और हमारे पूरे अस्तित्व को हर पल परिभाषित करते,

परिपक्व वयस्क की आकांक्षाओं,

की संयुक्त अभिव्यक्ति है,

भले ही इससे पारम्परिक प्रचलनों की,

असहमति है।

.

केन्द्रबिन्दु के अंदर की यात्रा,

समेटता है एक सूक्ष्म छिद्र में,

और ले जाता है सूक्ष्मता के पार,

जहाँ एक ओर हम होते हैं,

और दूसरी ओर पूरा संसार,

अपने विराट आकार में,

पूरे विस्तार में,

पूर्णत: स्पष्ट विवरण में,

अपने पूरे सौंदर्य में,

पर संवेदनाओं के हर क्षण नये संस्करण में।

वहाँ अपने प्रकाश भी स्वयम हम,

अपनी मीमांषा में सतत सक्षम,

अपना स्थान ढूँढते भी,

अपना स्थान करते परिभाषित,

हर दिशा में उन्मुक्त,

हर दशा में सुभाषित।

.

परिधि में घूमने को शापित,

ढूँढते हर पल अपने कवच में अपनी सुरक्षा,

सृष्टि के महाविन्यास में,

यंत्र का एक अर्थहीन अवयव होने से ऊपर,

हमारी उप्लब्धि हो सकती बस यही है,

धन्यता अंतत: इतनी ही सही है,

कि इन यात्राओं की उत्कंठा,

कितनी मन में जग पायी है,

इन उत्कर्षों की आकांक्षा,

हम में समायी है।

Published by

Leave a Reply

Fill in your details below or click an icon to log in:

WordPress.com Logo

You are commenting using your WordPress.com account. Log Out /  Change )

Facebook photo

You are commenting using your Facebook account. Log Out /  Change )

Connecting to %s