
हर बात को हर जगह जाता मुझसे कहा नहीं,
जिक्र अपनी तनहाई का इसलिये मैंने किया नहीं।
हर लड़ाई को जीतने का प्रयास तो बुरा नहीं,
हर वक्त जीतने की प्यास? दोस्तों मुझे पता नहीं।
ख्वाब तो हैं जीने से मुहब्बत करने की अदा,
जो जगना अपने ख्वाब से लगे कभी बुरा नहीं।
दावा यह नहीं कि झुकाया ही नहीं कभी मैंने,
अपने ही आगे शर्म से सर कभी झुका नहीं।
सिर्फ अपनी ही नहीं, हर एक की अजीज थी यारों,
मजबूरी जैसी भी रही, थी जिंदगी बद्दुआ नहीं।
मैं नहीं कहता कि मुश्किलें कमतर थी मेरी,
जिन्दगी के गमों को, किसीने कम सहा नहीं।
बातें साफगोई की मैं भी अक्सर किया करता हूँ,
उलझा अपने से अधिक, मुझको कोई मिला नहीं।
आसमान पर लकीरें मैंने भी खींची हैं बहुत
कभी उन लकीरों से बन पाया मेरा चेहरा नहीं।
भटका तलाश में सबसे बड़े मुद्दे की हर तरफ ,
दिल में गैरों के लिये प्यार से बड़ा मुद्दआ नहीं।
लोग बदहवास हैं कि कोई फूलों से इश्क करता है,
खूबसूरती का सजदा करना, इतनी बड़ी खता नहीं।