तल्खियों को बसएक शाम की जरूरत है।
हमें तो शिकायतों से भी मुहब्बत है।
ये शोखियाँ, ये कहकहे,
कितने किस्से अधकहे,
ये हल्की-हल्की बेखुदी,
यकीनन,
जिन्दगी बड़ी खूबसूरत है।
तल्खियों को बसएक शाम की जरूरत है।
हमें तो शिकायतों से भी मुहब्बत है।
ये शोखियाँ, ये कहकहे,
कितने किस्से अधकहे,
ये हल्की-हल्की बेखुदी,
यकीनन,
जिन्दगी बड़ी खूबसूरत है।